विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों को प्रदेश के अन्य विभाग के कर्मचारी संगठनों का साथ व सहयोग लगातार मिलता जा रहा है। कर्मचारी संगठन विधानसभा से बर्खास्त कर्मचारियों के साथ हुए भेदभाव के विरोध में मुखर हो रहे हैं। शनिवार को उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति तथा लोक निर्माण विभाग मिनिस्टीरियल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने धरना स्थल पर पहुंचकर बर्खास्त कर्मचारियों को अपना समर्थन प्रदान किया। उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी-शिक्षक समन्वय समिति के संयोजक तथा पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन के जिलाध्यक्ष सुभाष देवलीयाल ने कर्मचारियों को बर्खास्त किए जाने के विधानसभा सचिवालय के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण तथा कर्मचारियों का उत्पीड़न करार दिया। देवलीयाल ने कहा कि कर्मचारियों की नियुक्ति को 2018 में उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वैध ठहराया जा चुका है, उन्हीं नियुक्ति को अब कैसे अवैध कहा जा रहा है। सात साल की सेवाओं के बाद कर्मचारियों को इस तरह सड़कों पर खड़ा कर देना, कहीं न कहीं कर्मचारियों का उत्पीड़न है।
प्रदेश के अन्य कर्मचारी संगठनों से भी विधानसभा के कर्मचारियों के साथ हुए भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने तथा उनके समर्थन में आने की अपील की। लोक निर्माण विभाग मिनिस्टीरियल एसोसिएशन के क्षेत्रीय अध्यक्ष (गढ़वाल मंडल) तथा पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के प्रदेश प्रभारी विक्रम सिंह रावत ने बर्खास्तगी को कर्मचारियों का उत्पीड़न बताया। उन्होंने कहा कि यह उत्तराखंड का दुर्भाग्य है कि नौकरी देने के बजाय हटाया जा रहा है। व्यवस्था में खामी थी तो आगे के लिए व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाता, लेकिन राज्य निर्माण के बाद से एक जैसी ही प्रक्रिया के तहत भर्ती आधे कर्मचारियों को बचाना और आधे कर्मचारियों की बलि चढ़ा देना, बहुत निंदनीय है। उन्होने कहा कि प्रदेश के विभागों में हजारों कर्मचारी संविदा और तदर्थ आधार पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन यह पहला वाकया है जब कर्मचारियों को इस प्रदेश में इस तरह हटाया गया है।
लोक निर्माण विभाग मिनिस्टीरियल एसोसिएशन के प्रांतीय संगठन मंत्री त्रिलोक सिंह रावत ने कहा कि यदि विधानसभा के नियमित कर्मचारियों की नियुक्ति वैध है, तो बर्खास्त कर्मचारियों की नियुक्ति अवैध किस तरह से है। यह भेदभाव कर्मचारियों के साथ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बर्खास्त कर्मचारियों को समर्थन देने की घोषणा करते हुए कहा कि कर्मचारी साथियों को जब भी उनकी जरूरत पड़ेगी, वे उनके साथ मजबूती से खडे़े रहेंगे। वहीं बर्खास्त कर्मचारियों का धरना 57वें दिन भी जारी रहा। इस दौरान हरीश भट्ट, दीप्ति पंत, दया नगरकोटी, बबीता भंडारी, गीता नेगी, तुशांत बिष्ट, मोनिका सेमवाल आदि कर्मचारी मौजूद रहे।