Friday, June 9, 2023
Homeटेक्नोलॉजीतीन दिनी 17वीं डब्ल्यूएफएलडी कांग्रेस पोलैंड के व्रोकला में हुई संपन्न

तीन दिनी 17वीं डब्ल्यूएफएलडी कांग्रेस पोलैंड के व्रोकला में हुई संपन्न

32 देशों के लेजर डेंटल प्रोफेसनल हुए शामिल

भारत से डॉ नितीश काम्बोज ने अपने शोध केस साझा किए इस इंटरनेशनल मंच पर

पहाड़ देहरादून : इस साल WFLD (World Federation for Laser Dentistry ) कांग्रेस 14 से 16 अप्रैल को पोलैंड के व्रोकला शहर में आयोजित की गयी। इस सम्मलेन में दुनिया भर के लेजर दंत चिकित्सा के वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। जहाँ दंत चिकित्सा के क्षेत्र में काम करने वाले कारोबारियों और कंपनियों के प्रतिनिधियों से भी विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किये।

प्लॉंड में आयोजित WFLD कांग्रेस के विशेष अंतर्राष्ट्रीय प्रोग्राम में लेज़र टेक्नॉलजी के साथ काम करने और सीखने के अपने अनुभव भी शेयर किये गए। इस कांग्रेस में भारत से एक मात्र प्रतिनिधि चिकित्सक शामिल हुए। जहाँ दन्त चिकित्सक के क्षेत्र में आधुनिक मानी जा रही है लेजर तकनीक का सफलता और कुशलता से इस्तेमाल कर रहे लक्ष्मी डेंटल क्लिनिक उत्तराखंड देहरादून के डॉ नितीश काम्बोज ने अपने अनुभव विश्व के इस बड़े प्लेटफार्म पर विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों के साथ साझा किये। इस मौके पर उन्होंने अपनी तमाम सफल डेंटल केस हिस्ट्री की बारीकियों और सामने आई चुनौतियों से वहां मौजूद प्रतिनिधियों को रूबरू करवाया।

इस बार पोलैंड में आयोजित हुई इस समिट में डब्ल्यूएफएलडी कांग्रेस में कॉस्मेटिक डेंटिस्ट्री कांग्रेस को विशेष रूप से पेश किया गया। इस कार्यक्रम में ऐसे विश्व प्रसिद्ध विशेषज्ञों को एक मंच पर लाया गया, जो सौंदर्य दंत चिकित्सा में लेटेस्ट तकनीक और नई जानकारियां लेकर सामने आए।

कार्यक्रम में विशेष रूप से वैज्ञानिकों ने दंत चिकित्सा पद्धति में लेजर के उपयोग से संबंधित सभी पहलुओं को सामने रखा, जिसमें चेहरे का सौंदर्य भी शामिल किया गया। इस मौके पर यूरोप की जानमानी EMDOLA की दूसरी अंतर्राष्ट्रीय अकादमी (यूरोपीय मास्टर डिग्री) के वैज्ञानिकों ने भी अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम में नए वैज्ञानिक प्रयोगों के साथ लेटेस्ट मशीनों और तकनीक की उपयोगिता पर भी गहन चर्चा की गयी।

बता दें की इस समिट में डब्ल्यूएफएलडी कांग्रेस के साथ-साथ चलने वाली इंटरनेशनल कांग्रेस फॉर एस्थेटिक डेंटिस्ट्री और दूसरी इंटरनेशनल कांग्रेस ऑफ इनोवेशन इन असिस्टिंग एंड डेंटल हाइजीन-दंत पेशे के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों ने अपने तमाम एक्सपीरियंस शेयर किये, जो आने वाले समय में इस क्षेत्र में क्रांतिकारी साबित होंगे और दन्त चिकित्सा को एक नए मुकाम पर ले जाएंगे।

दुनिया भर में में दंत चिकित्सा शैक्षणिक संगठन अब तेजी के साथ लेजर तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके आलावा दिल की बीमारियों को ठीक करने में भी लेजर सर्जरी का उपयोग किया जा रहा है। यह बात इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में बड़े रूप में सामने आई। वहीँ दंत चिकित्सा में वैज्ञानिक अनुसंधान, प्रयोग और लेजर शिक्षा को डेंटल एजुकेशन में बड़े पैमाने पर शामिल करने पर चर्चा की गयी, ताकि नई पीढ़ी के दन्त चिकत्सक मरीजों को बेहतरीन सेवाएं देने में सक्षम हो सकें।

इस कांग्रेस में इस बार 32 देशों ने प्रतिभाग किया, जिसमें भारत ने पहली हिस्सा लिया। भारत के तिरंगे झंडे को लेकर उत्तराखंड के देहरादून में लक्ष्मी डेंटल क्लिनिक के संचालक डॉ नितीश काम्बोज अपने डेंटिस्ट्री केस इस इंटरनेशनल फोरम पर दुनिया के तमाम देशों के वैज्ञानिको और विशेषज्ञों के सामने पेश करने में कामयाब रहे।

बता दें कि WFLD निजी क्षेत्र की विश्व की एक प्रतिष्ठित संस्था के तौर पर जानी जाती है। यह संस्था दुनिया भर में दंत चिकित्सा के शैक्षणिक और व्यवसायिक क्षेत्र में लेजर दंत चिकित्सा में वैज्ञानिक अनुसंधान, दैनिक और नए प्रयोगो में लेजर चिकित्सा पद्धति का जोर शोर से समर्थन कर रही है। इसके अलाव ये संस्था विश्व स्तर पर नए वैज्ञानिक और तकनीकी नॉलेज शेयरिंग को बढ़ावा देने का काम कर रही है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular